Thursday, November 12, 2015

Poem by Barkha"" O My Dear""

 Oh my dear frnd..
Plz hold my hand....
Come 2 me slowly sloly...
N jst listen my heartbeat silently ...
Its want nothing 
Bt saying something something...

Its dancing...
Its singing 
N its praying 4u...
 Not 4 achieve u...not 4 get u 

Bt for ur smile...
U r sad while...
Its not want u 
Bt it want ur happnes...
Ur success...
..i dont kno why its all happen.my frnd

Jst come n hold my hand....
[ Oh my dear....
Will u b my magic mirror....

In wich i can see my shadow...
N whom i cn make my fellow...
At each stap
Who will hold my hand...
Who will suggest me as a true frnd...

Will u b my magic mirror..
N live with me as a alive treasure...

Whom i cn pray...
Whom i cn say...
Any talk of my heart..
N who cn live with me as a part...
Of my lyf..
Plz b my megic mirror...
Its my wish from u my dear...
Its my....

Written by Barkha parveen chndr bhatt

Tuesday, November 10, 2015

Nari by Barkha

नारी तेरा रूप है गंगा सा निराला 
देख तुझे मे अर्पित करदु सुरभित पुष्पो की माला ,

तुम्हे श्रद्धा रूप मे "प्रसाद " ने स्वीकारा,
देवी मा सहचरी प्राण कह तुम्हे "पंत " ने है सराहा 
तुम हो निर्मल रुपा ,पलती है जिसमे स्नेह सरिता,
प्रेम दया वात्सल्य की मूर्ति ,
देव करे स्वयं तेरी स्तुति ,

नारी से बनते नर नारी 
फिर क्यु नर से है सदा नारी हारी।

उठो जागो आगेआओ ,
यहयुग है आधुनिक ,मैं देती तुम्हें एक सीख

सह अन्याय आसु सेतुम आँचल ना अपना भिगाओ ,अबलाखुद को मान भवानी का अस्तित्व ना मिटाओं 

अपरीमित शाक्ति का पूँज तु 
कैसे करू तेरा गुणगान 
इतना अल्प ही गान कर 
मैं देती अपने शब्दों को विराम.....।
Dedicate 4 all women☺ written by Barkha Bhatt

Monday, November 9, 2015

Poem by Barkha

मेरे दीमाग का फतुर नहीं ,
हर पल में बसता है वो 

जब भी मैंउदास रहूँ  ..
मेरे  मन मे हसता है वो ..
अक्स का उससे नाता नहीँ ,
मेरी रुह से अठखेलियाँ करता है वो..:

जब भी तन्हा बेठू मैं ,,
हौले से बाते करता है वो...
वो कोईं टूटा  ख्वाब नहीं,मेरी सासों में रहता है वो:..

जब भी जीने से मूहँ मोड लू ,छूप छूप के प्रेरणा देता है वो..
वो कोई बेमोल अल्फाज नहीं ,
भावनाओ के सागर में बहता है वो :..
जब भी कोई समा देखु
अश्क बनके मेरे लबों  पर उतरता है वों.:
वों कोईं मामुली इन्सान नहीं ,
मेरे ७गिवन की नैया है वो :. ,कभीदाेस्त तो कभी खुदा बनके मुझको पार ले |जाता है वो :.😊😘